चंडीगढ़ के एक अस्पताल में तोड़ा दम
मंगलवार सुबह उसने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि किसान ने ग्रीन हाउस लगाने के लिए लाखों रुपये का कर्ज बैंक से लिया था। कर्ज जमा नहीं होने की वजह से वह तनाव में चल रहा था। कर्ज में दबे किसान के आत्मदाह का हिमाचल में यह पहला मामला है। पूर्व सैनिक कुशल चंदेल ने पांच-छह वर्ष पहले ग्रीन हाउस लगाने के लिए बैंक से कर्ज लिया था।
बागवानी तकनीकी मिशन के तहत लगे ग्रीन हाउसों के लिए लिया कर्ज बैंक को नहीं लौटा पाया। बैंक ने उन्हें डिफाल्टर घोषित कर उनके बाकायदा पोस्टर लगा रखे थे। इस वजह से वह तनाव में चल रहे थे।
कर्ज की रकम कितनी थी नहीं पता
राशि कितनी है, इसकी जानकारी बैंक स्टेटमेंट के बाद ही पता चल सकेगी। उधर, ग्रीन ग्रोवर किसान-बागवान विकास समिति ने इस मामले में बैंक और विभाग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
समिति के महासचिव राजीव, संदीप ठाकुर, राकृष्ण शर्मा, संदीप सांख्यान आदि ने मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर मांग की है कि इस मामले में विभाग और बैंक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।